Rumored Buzz on Shodashi
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Tripura Sundari's form is not just a visual representation but a map to spiritual enlightenment, guiding devotees through symbols to grasp further cosmic truths.
The Navratri Puja, For example, entails establishing a sacred space and accomplishing rituals that honor the divine feminine, by using a target meticulousness and devotion that is thought to provide blessings and prosperity.
कामेश्यादिभिरावृतं शुभ~ण्करं श्री-सर्व-सिद्धि-प्रदम् ।
दक्षाभिर्वशिनी-मुखाभिरभितो वाग्-देवताभिर्युताम् ।
षोडशी महाविद्या : पढ़िये त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram
प्रणमामि महादेवीं परमानन्दरूपिणीम् ॥८॥
She is an element on the Tridevi plus the Mahavidyas, representing a spectrum of divine femininity and related to both equally mild and intense factors.
सा नित्यं नादरूपा त्रिभुवनजननी मोदमाविष्करोतु ॥२॥
श्रीचक्रवरसाम्राज्ञी श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरी ।
॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥
॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरी अपराध क्षमापण स्तोत्रं ॥
शस्त्रैरस्त्र-चयैश्च चाप-निवहैरत्युग्र-तेजो-भरैः ।
‘हे देव। जगन्नाथ। सृष्टि, स्थिति, प्रलय के स्वामी। आप परमात्मा हैं। सभी प्राणियों की गति हैं, आप ही सभी लोकों की गति हैं, जगत् के आधार हैं, विश्व के करण हैं, सर्वपूज्य हैं, आपके बिना मेरी कोई गति नहीं है। संसार में more info परम गुह्रा क्या वास्तु है?
स्थेमानं प्रापयन्ती निजगुणविभवैः सर्वथा व्याप्य विश्वम् ।